समदिया
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खोलो खोलो अपनी आँखे,
कुछ लाया हूँ मैं तुम्हारे लिए,
जो हैं तुमसे भी प्यारा,
तुमसे भी अच्छा.
एक चुटकी धुप
सूरज से मांगकर
एक मुट्ठी रौशनी
किरणों से मांगकर
कुछ आँशु पत्थर दिल के
एक हंसी मासूम दिल से
दो मोती सीपियो से
दो बूंद बादलो से
अच्छा लगे तो और मांग लेना
मैं लाया हूँ सिर्फ तुम्हारे लिए
खोलो-खोलो अपनी आँखे
कुछ लाया हूँ मैं तुम्हारे लिए.
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